कविता में आए मुहावरों को छांटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।

सुधि लेना -याद करना- आज कितने वर्षों बाद तुमने मेरी सुधि ली।

गांठ खुलना-मन का मैल दूर होना- अपने पुराने मित्र से मिलते ही मेरे मन की गांठें खुल गयीं।


बांध टूटना- धैर्य समाप्त होना- मोहन को देखते ही मेरे सब्र का बांध टूट गया।


बन-ठन के आना- देखो! तुम बन-ठन के अपने ससुराल जाओ।


गरदन उचकाना-उचक कर देखना- महेश गरदन उचका कर झांकी देख रहा है।


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